होलाष्टक 2025 की तारीख और ज्योतिषीय महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, होलाष्टक 2025 की शुरुआत 07 मार्च से होगी और 13 मार्च तक चलेगी। यह एक ऐसी अवधि है, जिसमें सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है, क्योंकि यह योग बहुत अशुभ माना जाता है।
ज्योतिषीय महत्व और ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक के दौरान शनि, मंगल, राहु और केतु का प्रभाव अधिक होता है, जो जीवन में नकारात्मक परिस्थितियाँ पैदा कर सकता है।
होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य वर्जित
- विवाह
- गृह प्रवेश
- नया व्यापार शुरू करना
- वाहन या संपत्ति खरीदना
- संपत्ति से जुड़े किसी भी नए निर्णय लेना
होलाष्टक के दौरान क्या करें?
- ग्रह शांति के उपाय करें
- दान-पुण्य करें (विशेष रूप से वस्त्र और अन्न का दान)
- मंत्र जाप और ध्यान करें
- भगवान विष्णु और शिव की आराधना करें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. होलाष्टक 2025 कब से शुरू हो रहा है?
होलाष्टक 2025 07 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च तक चलेगा।
2. होलाष्टक क्यों अशुभ माना जाता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
3. क्या होलाष्टक में कोई शुभ कार्य किया जा सकता है?
नहीं, इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
4. होलाष्टक में कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
भगवान विष्णु और शिव की पूजा, दान-पुण्य, मंत्र जाप, और ध्यान करना शुभ माना जाता है।
5. क्या होलाष्टक के दौरान यात्रा करना सही है?
हालांकि कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन आवश्यक न हो तो यात्रा टालना ही उचित रहेगा।
निष्कर्ष:
होलाष्टक 2025 यह समय शास्त्रीय और ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बचाव के लिए पूजा-पाठ और दान करने की सलाह दी जाती है।
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