Kamada Ekdashi 2025

कामदा एकादशी व्रत 2025: तिथि, महत्त्व, कथा व व्रत विधि

कामदा एकादशी 2025 की तिथि

कामदा एकादशी व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
2025 में कामदा एकादशी की तिथि है: बुधवार, 9 अप्रैल 2025

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 8 अप्रैल 2025 को रात 10:25 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 9 अप्रैल 2025 को रात 08:10 बजे
  • पारणा (व्रत खोलने का समय): 10 अप्रैल 2025 को प्रातः 06:10 से 08:40 बजे तक

🌟 यह व्रत विशेष रूप से पापों के नाश और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखा जाता है।

कामदा एकादशी का महत्त्व

कामदा एकादशी का अर्थ है – “इच्छाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी”। यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, मोक्ष और पुण्य प्रदान करता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

यह एकादशी व्रत खासकर उन लोगों के लिए शुभ माना गया है जिनकी कोई मनोकामना अधूरी है। यह व्रत काम, क्रोध, लोभ जैसे दोषों को दूर करता है।

कामदा एकादशी व्रत कथा

प्राचीन समय में रत्नपुर नामक नगरी में ललिता नाम की अप्सरा और ललित नामक गंधर्व रहते थे। एक बार ललित ने दरबार में गायन के दौरान कुछ गलती कर दी जिससे राजा क्रोधित हो गया और उसे राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया।

अपनी पत्नी की व्यथा सुनकर ललिता ने जंगल में जाकर ऋषि शृंगी से मार्गदर्शन माँगा। ऋषि ने उसे कामदा एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। ललिता ने विधिपूर्वक व्रत किया और उसका प्रभाव ऐसा हुआ कि उसका पति श्राप से मुक्त होकर पुनः गंधर्व रूप में लौट आया।

इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि कामदा एकादशी व्रत से बड़ा से बड़ा पाप भी कट सकता है।

व्रत विधि (कैसे करें कामदा एकादशी का व्रत)

  1. व्रत की पूर्व रात्रि (दशमी) को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  2. एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  3. भगवान विष्णु की पूजा करें – तुलसी पत्र, पीले फूल, धूप, दीप और पंचामृत से अभिषेक करें।
  4. विष्णु सहस्रनाम या गीता के अध्याय पढ़ें।
  5. व्रत में जल या फलाहार लेकर रहें, निर्जला व्रत भी कर सकते हैं।
  6. रात्रि में जागरण करें और भगवान का नाम-स्मरण करें
  7. द्वादशी (अगले दिन) ब्राह्मण या गरीब को अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।

क्या ना करें इस दिन:

  • चावल, प्याज, लहसुन, तामसिक भोजन ना करें
  • झूठ, क्रोध, कटु वचन से बचें
  • दिन में सोने से बचें

निष्कर्ष

कामदा एकादशी व्रत 2025 न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यक्ति के मानसिक और आत्मिक शुद्धिकरण का भी माध्यम है। इस व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है।

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