मंत्र

विद्यां ददाति विनयं (Vidya Dadati Vinayam)

विद्यां ददाति विनयं,
विनयाद् याति पात्रताम् ।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥

हिन्दी भावार्थ:

विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।

Vidya Dadati Vinayam in English

Vidya Dadati Vinayam,
Vinaya Dadati Paatrataam।
Paatratva Dhanamaapnoti,
Dhanaat Dharmam Tatah Sukham॥

“विद्यां ददाति विनयं” का अर्थ है:

विद्या विनम्रता प्रदान करती है।

इस मंत्र का लाभ और महत्त्व:

  1. विनम्रता का विकास: यह मंत्र बताता है कि सच्ची शिक्षा और ज्ञान व्यक्ति को अहंकार से मुक्त करके विनम्र बनाते हैं। यह विनम्रता समाज में सम्मान और स्वीकृति दिलाने में सहायक होती है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: विद्या केवल भौतिक या सांसारिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, यह आत्मज्ञान और आत्म-परिष्कार का भी माध्यम है। यह मंत्र ध्यान और आत्मचिंतन की प्रेरणा देता है।
  3. समाज में योगदान: ज्ञानवान व्यक्ति अपने ज्ञान का उपयोग दूसरों की सेवा और समाज को बेहतर बनाने के लिए करता है।
  4. संस्कार और शील का निर्माण: विनम्रता एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को उच्च स्थान पर पहुंचने के बाद भी संतुलित और सरल बनाए रखता है।

इस मंत्र से प्रेरणा:

  • यह हमें यह सिखाता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच, व्यवहार, और दृष्टिकोण को भी परिष्कृत करना है।
  • यह मंत्र ध्यान दिलाता है कि शिक्षा का सही उपयोग तभी है जब वह हमें श्रेष्ठ गुणों से विभूषित करे।

इसलिए, “विद्यां ददाति विनयं” हमें सिखाता है कि विद्या के साथ विनम्रता और आदर्श व्यवहार ही सच्चा ज्ञान है।