Ranakpur jain temple

देसूरी का रणकपुर जैन मंदिर: राजस्थान की शान, जिसे देखने दुनिया भर से उमड़ते हैं सैलानी!

राजस्थान, अपने भव्य किलों, रंगीन संस्कृति और अद्भुत वास्तुकला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इन्हीं धरोहरों में से एक है रणकपुर जैन मंदिर, जो देसूरी तहसील के एक शांत और सुरम्य इलाके में स्थित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि अपनी अद्वितीय वास्तुकला और शिल्पकला के कारण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।

आइए जानते हैं इस अद्भुत स्थल के बारे में विस्तार से।

रणकपुर जैन मंदिर का इतिहास

रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था। इसे जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित किया गया है। मंदिर का निर्माण एक धनी जैन व्यापारी धरणा शाह द्वारा करवाया गया था, जिन्हें मेवाड़ के महाराणा कुंभा का संरक्षण प्राप्त था। कहा जाता है कि एक दिव्य स्वप्न के बाद धरणा शाह ने इस भव्य मंदिर को बनवाने का निश्चय किया।

मंदिर की अद्भुत वास्तुकला

रणकपुर जैन मंदिर वास्तुकला का एक जीवंत चमत्कार है। यह पूरा मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है, जो सूर्य की रोशनी में चमकता है। इसकी कुछ खास विशेषताएँ हैं:

  • 1444 संगमरमर के स्तंभ: हर स्तंभ की नक्काशी अलग-अलग है, और यह आज तक एक रहस्य है कि कैसे हर एक में भिन्नता लाई गई।
  • 29 मंडप और 80 गुंबद: मंदिर में अलग-अलग हिस्सों में सुंदर मंडप और गुंबद हैं, जिनकी जटिल नक्काशियां देखने योग्य हैं।
  • रंगमंडप: यह एक मुख्य सभा मंडप है, जहां एक शानदार शिल्पकारी के साथ एक विशाल नटराज की मूर्ति स्थापित है।
  • भगवान आदिनाथ की मूर्ति: मंदिर के गर्भगृह में भगवान आदिनाथ की चार दिशाओं की ओर मुख वाली भव्य मूर्ति है।

रणकपुर का शांत वातावरण

मंदिर चारों ओर से अरावली पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है, जिससे यहां का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक हो जाता है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही एक अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। यहां का हर कोना श्रद्धा, कला और संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत करता है।

रणकपुर जैन मंदिर क्यों खास है?

  • यह भारत के सबसे बड़े और भव्य जैन मंदिरों में से एक है।
  • मंदिर की संगमरमर की नक्काशी विश्व प्रसिद्ध है।
  • यहां के स्तंभों का अद्भुत डिज़ाइन वैज्ञानिक और कलात्मक दृष्टि से भी अद्वितीय है।
  • मंदिर परिसर में वन्य जीवन भी देखने को मिलता है, जैसे मोर और हिरण।

रणकपुर जैन मंदिर घूमने का सही समय

रणकपुर का मौसम ज्यादातर सालभर खुशनुमा रहता है, लेकिन अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जो घूमने के अनुभव को और भी खास बना देता है।

कैसे पहुंचे रणकपुर?

  • सड़क मार्ग: रणकपुर, उदयपुर से लगभग 90 किलोमीटर और जोधपुर से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन फालना (Falna) है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर (महाराणा प्रताप एयरपोर्ट) है।

मंदिर में प्रवेश नियम

  • मंदिर में प्रवेश निशुल्क है।
  • श्रद्धालुओं को मर्यादित वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है।
  • फोटोग्राफी के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
  • विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश का समय और नियम थोड़े भिन्न हो सकते हैं।

FAQs – रणकपुर जैन मंदिर से जुड़े सामान्य प्रश्न

Q1. रणकपुर जैन मंदिर किस देवता को समर्पित है?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है।

Q2. रणकपुर मंदिर की सबसे बड़ी खासियत क्या है?

उत्तर: मंदिर की सबसे बड़ी खासियत इसके 1444 अलग-अलग डिज़ाइन वाले संगमरमर के स्तंभ हैं।

Q3. क्या रणकपुर मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है?

उत्तर: हाँ, लेकिन फोटोग्राफी के लिए विशेष परमिट की आवश्यकता होती है, और गर्भगृह में फोटोग्राफी वर्जित है।

Q4. रणकपुर मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

उत्तर: अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे उपयुक्त है, जब मौसम ठंडा और आरामदायक होता है।

Q5. रणकपुर मंदिर किन प्रमुख शहरों के नजदीक है?

उत्तर: रणकपुर मंदिर उदयपुर (90 किमी) और जोधपुर (160 किमी) के नजदीक स्थित है।

Q6.रणकपुर जैन मंदिर किस नदी के किनारे है?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर मगई नदी के किनारे स्थित है।

Q7.रणकपुर जैन मंदिर कहां है?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान राज्य के पाली जिले में, सादड़ी कस्बे के पास स्थित है। यह अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा है।

Q8.रणकपुर जैन मंदिर का वास्तुकार कौन था?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर के वास्तुकार का नाम देपा (या देपक) था, जो एक प्रमुख वास्तुकार (शिल्पी) थे।

Q9.रणकपुर जैन मंदिर में कितने खंभे हैं?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर में कुल 1,444 खंभे हैं, और सभी खंभे एक-दूसरे से भिन्न नक्काशीदार हैं।

Q10.किसी शिल्प के नेतृत्व में रणकपुर मंदिर का निर्माण हुआ?

उत्तर: रणकपुर मंदिर का निर्माण वास्तुकार देपा शिल्पी के नेतृत्व में हुआ था।

Q11.रणकपुर मंदिर का निर्माण कब हुआ?

उत्तर: रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में, लगभग 1437 ईस्वी के आसपास, राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। इसे एक धनी जैन व्यापारी धरणा शाह ने बनवाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *