शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। लेकिन जब किसी की कुंडली में साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, तो जीवन में कई प्रकार की परेशानियाँ आने लगती हैं – जैसे आर्थिक हानि, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्या, या नौकरी-व्यवसाय में रुकावटें। हालांकि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ सरल उपायों को अपनाकर शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
नीचे ऐसे ही 7 सरल और प्रभावशाली उपाय दिए गए हैं, जिन्हें नियमित करने से शनि दोष कम हो सकता है:
1. शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें
हर शनिवार सुबह स्नान कर के पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसकी 7 परिक्रमा करें। सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि मंत्र का जाप करें:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
यह उपाय शनि दोष को शांत करने में अत्यंत प्रभावी होता है।
2. शनि मंत्र का जाप करें
हर दिन या विशेष रूप से शनिवार को निम्न शनि मंत्र का जाप 108 बार करें:
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
इससे मन शांत रहता है और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
3. काले तिल और सरसों का तेल दान करें
शनिवार को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले तिल, काले कपड़े, और सरसों का तेल दान करें। ये चीजें शनिदेव से जुड़ी मानी जाती हैं और इससे उनके क्रोध को शांत किया जा सकता है।
4. हनुमान जी की आराधना करें
शनि देव हनुमान जी के भक्तों से प्रसन्न रहते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। साथ ही हनुमान मंदिर में जाकर चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं।
5. शनि देव को तेल चढ़ाएं
शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरें और उसमें अपना चेहरा देखकर शनिदेव को अर्पित करें। यह उपाय शनि दोष से राहत दिलाता है।
6. नीले या काले वस्त्र पहनें
शनिवार को नीले या काले वस्त्र पहनें, क्योंकि ये शनि ग्रह से संबंधित रंग हैं। साथ ही खान-पान में सात्विकता रखें और किसी के साथ गलत व्यवहार ना करें।
7. श्रमिकों और बुजुर्गों की सेवा करें
शनि देव श्रम और न्याय के देवता हैं। मेहनतकश और गरीब लोगों की मदद करना शनि को प्रसन्न करता है। शनिवार को किसी श्रमिक, बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति को भोजन, कपड़े या दान दें।
निष्कर्ष:
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या जीवन में चुनौतियाँ जरूर लाती है, लेकिन यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करे, संयमित जीवन जीए और उपरोक्त उपायों को अपनाए, तो शनिदेव की कृपा से सभी बाधाएँ दूर हो सकती हैं। याद रखें, शनिदेव का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि व्यक्ति को जीवन में सुधार की दिशा में आगे बढ़ाना है।
