विश्व पृथ्वी दिवस क्या है?
विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की रक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्रदूषण कम करने के लिए जागरूक करना है।
इस दिन को दुनिया भर में करोड़ों लोग मनाते हैं — छात्र, वैज्ञानिक, एनजीओ, सरकारें और आम नागरिक — सभी एकजुट होकर धरती को एक बेहतर स्थान बनाने का संकल्प लेते हैं।
इतिहास: विश्व पृथ्वी दिवस की शुरुआत कब हुई?
- पहली बार 22 अप्रैल 1970 को अमेरिका में यह दिवस मनाया गया था।
- अमेरिकी सीनेटर गेराल्ड नेल्सन ने इसकी शुरुआत की थी ताकि पर्यावरणीय समस्याओं पर राजनीतिक और सामाजिक ध्यान आकर्षित किया जा सके।
- आज, यह 193 से अधिक देशों में मनाया जाता है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा पर्यावरण आंदोलन माना जाता है।
इस वर्ष का मुख्य संदेश है – प्लास्टिक प्रदूषण को हराना।
हर साल लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक बनता है, जिसमें से अधिकांश सिंगल-यूज़ होते हैं। यह नदियों, महासागरों और यहां तक कि हमारी भोजन श्रृंखला तक पहुंचकर गंभीर खतरे पैदा करता है।
2025 की थीम: “Planet vs. Plastics”
इस वर्ष का मुख्य संदेश है – प्लास्टिक प्रदूषण को हराना।
हर साल लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक बनता है, जिसमें से अधिकांश सिंगल-यूज़ होते हैं। यह नदियों, महासागरों और यहां तक कि हमारी भोजन श्रृंखला तक पहुंचकर गंभीर खतरे पैदा करता है।
थीम का उद्देश्य:
- प्लास्टिक उत्पादन को 60% तक कम करना।
- रिसायक्लिंग और बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को बढ़ावा देना।
- जनजागरूकता के ज़रिए व्यवहार में बदलाव लाना।
हम क्या कर सकते हैं?
1. प्लास्टिक का कम उपयोग करें:
बाजार जाते समय कपड़े का थैला लें, प्लास्टिक बोतलों की जगह स्टील की बोतलें इस्तेमाल करें।
2. वृक्षारोपण करें:
एक पेड़ आज नहीं तो कल सैकड़ों लोगों को ऑक्सीजन देगा।
3. ऊर्जा की बचत करें:
एलईडी बल्ब इस्तेमाल करें, अनावश्यक लाइट्स और पंखे बंद रखें।
4. जल संरक्षण:
बेसिन में पानी बहने न दें, बर्बादी को रोकें।
5. जागरूकता फैलाएं:
स्कूल, कॉलेज या सोसायटी में छोटी-छोटी पर्यावरणीय गतिविधियाँ शुरू करें।
स्कूल, कॉलेज और संस्थाओं में आयोजन
- चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताएं
- वृक्षारोपण और सफाई अभियान
- पोस्टर मेकिंग और नुक्कड़ नाटक
- वर्कशॉप्स और सेमिनार
निष्कर्ष
विश्व पृथ्वी दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि धरती हमारी मातृभूमि है – इसका संरक्षण करना हमारा धर्म है।
प्लास्टिक, प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग – ये समस्याएं इंसानी गतिविधियों का परिणाम हैं, और समाधान भी हम ही बन सकते हैं।
“अगर हम आज नहीं चेते, तो कल बहुत देर हो जाएगी।”
